
Published Posts by रामधारी सिंह दिनकर
कलिंग-विजय
युद्ध की इति हो गई; रण-भू... Read More
अतीत के द्वार पर
‘जय हो’, खोलो अजिर-द्वार मेरे अतीत... Read More
शक्ति या सौंदर्य
तुम रजनी के चाँद बनोगे ?... Read More
राही और बाँसुरी
राही सूखी लकड़ी! क्यों पड़ी राह... Read More
कुरुक्षेत्र / तृतीय सर्ग / भाग 5
भूल रहे हो धर्मराज तुम अभी... Read More
रुक्षेत्र / प्रथम सर्ग / भाग 1
वह कौन रोता है वहाँ- इतिहास... Read More
कुरुक्षेत्र / प्रथम सर्ग / भाग 2
और जब, तीव्र हर्ष-निनाद उठ कर... Read More
कुरुक्षेत्र / द्वितीय सर्ग / भाग 1
आयी हुई मृत्यु से कहा अजेय... Read More
कुरुक्षेत्र / द्वितीय सर्ग / भाग 2
“कृष्ण कहते हैं, युद्ध अनघ है,... Read More
कुरुक्षेत्र / द्वितीय सर्ग / भाग 3
और तब चुप हो रहे कौन्तेय,... Read More
कुरुक्षेत्र / द्वितीय सर्ग / भाग 4
किन्तु, मत समझो कि इस कुरुक्षेत्र... Read More
कुरुक्षेत्र / तृतीय सर्ग / भाग 1
समर निंद्य है धर्मराज, पर, कहो,... Read More
कुरुक्षेत्र / तृतीय सर्ग / भाग 2
तुम विषण्ण हो समझ हुआ जगदाह... Read More
कुरुक्षेत्र / तृतीय सर्ग / भाग 3
न्यायोचित अधिकार माँगने से न मिलें,... Read More
कुरुक्षेत्र / तृतीय सर्ग / भाग 4
जिनकी भुजाओं की शिराएँ फडकी ही... Read More