
Published Posts by रामधारी सिंह दिनकर
कुरुक्षेत्र / तृतीय सर्ग / भाग 4
जिनकी भुजाओं की शिराएँ फडकी ही... Read More
कुरुक्षेत्र / तृतीय सर्ग / भाग 5
भूल रहे हो धर्मराज तुम अभी... Read More
द्वन्द्वगीत – पृष्ठ – ३
(१२) तारे लेकर जलन, मेघ आँसू... Read More
द्वन्द्वगीत – पृष्ठ – २
(५) जब – तब मैं सोचता... Read More
द्वन्द्वगीत
(१) चाहे जो भी फसल उगा... Read More
द्वन्द्वगीत – पृष्ठ – ९
(६७) रह – रह कूक रही... Read More
द्वन्द्वगीत – पृष्ठ – ४
(२५) मैं रोता था हाय, विश्व... Read More
द्वन्द्वगीत – पृष्ठ – ५
(३१) यह फूलों का देश मनोरम... Read More
द्वन्द्वगीत – पृष्ठ – ६
(४०) कुछ सुन्दरता छिपी मुकुल में,... Read More
द्वन्द्वगीत – पृष्ठ – ७
(५३) सचमुच, मधुफल लिये मरण का... Read More
द्वन्द्वगीत – पृष्ठ – ८
(६२) कौन बड़ाई, चढ़े श्रृंग पर... Read More
द्वन्द्वगीत – पृष्ठ – १०
(७५) पहली सीख यही जीवन की,... Read More
द्वन्द्वगीत – पृष्ठ – ११
(८९) हर साँझ एक वेदना नई,... Read More
सोच रहा, कुछ गा न रहा मैं।
[१] निज सागर को थाह रहा... Read More
सूखे विटप की सारिके !
सूखे विटप की सारिके ! उजड़ी-कटीली... Read More
कत्तिन का गीत
कात रही सोने का गुन चाँदनी... Read More