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रामधारी सिंह दिनकर

Birth: Wednesday, 23 September 1908

Country: India

Biography: रामधारी सिंह 'दिनकर' हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। राष्ट्रवाद अथवा राष्ट्रीयता को इनके काव्य की मूल-भूमि मानते हुए इन्हे 'युग-चारण' व 'काल के चारण' की संज्ञा दी गई है। 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओं में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर... Read More

Published Posts by रामधारी सिंह दिनकर

पुरुष प्रिया

मैं वरुण भानु-सा अरुण भूमि पर... Read More

सावन में

जेठ नहीं, यह जलन हृदय की,... Read More

पावस-गीत

दूर देश के अतिथि व्योम में... Read More

अंतरवासिनी

अधखिले पद्म पर मौन खड़ी तुम... Read More

असमय आह्वान / हुंकार

(1) समय-असमय का तनिक न ध्यान,... Read More

हिमालय / हुंकार

साकार, दिव्य, गौरव विराट्, पौरूष के... Read More

बसन्त के नाम पर / हुंकार

1. प्रात जगाता शिशु-वसन्त को नव... Read More

फूलों के पूर्व जन्म / हुंकार

प्रिय की पृथुल जाँघ पर लेटी... Read More

कविता का हठ / हुंकार

“बिखरी लट, आँसू छलके, यह सुस्मित... Read More

अनल-किरीट / हुंकार

लेना अनल-किरीट भाल पर ओ आशिक... Read More

दिगम्बरी / हुंकार

उदय-गिरी पर पिनाकी का कहीं टंकार... Read More

वर्त्तमान का निमन्त्रण / हुंकार

समय-ढूह की ओर सिसकते मेरे गीत... Read More

दिल्ली / हुंकार

यह कैसे चाँदनी अमा के मलिन... Read More

शहीद-स्तवन / हुंकार

(उनके लिए जो जा चुके हैं)... Read More

आलोकधन्वा / हुंकार

ज्योतिर्धर कवि मैं ज्वलित सौर-मण्डल का,... Read More

सिपाही / हुंकार

वनिता की ममता न हुई, सुत... Read More

शब्द-वेध / हुंकार

खेल रहे हिलमिल घाटी में, कौन... Read More

मेघ-रन्ध्र में बजी रागिनी / हुंकार

सावधान हों निखिल दिशाएँ, सजग व्योमवासी... Read More

तकदीर का बँटवारा / हुंकार

है बँधी तकदीर जलती डार से,... Read More

विपथगा / हुंकार

झन-झन-झन-झन-झन झनन-झनन, झन-झन-झन-झन-झन झनन-झनन, मेरी पायल... Read More