Poem

नीरव, प्रशान्त जग, तिमिर गहन।
रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन?

किसकी किंकिणि-ध्वनि? मौन विश्व में झनक उठा किसका कंकण?
झिल्ली-स्वन? संध्या श्याम परी की हृदय-शिराओं का गुंजन?
रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन?

अन्तिम किरणें भर गईं उर्मि-
अधरों में मोती के चुम्बन,
वन-कुसुम वृन्त पर ऊँघ रहे,
दूर्वा-मुख सींच रहे हिम-कण।
रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन?

नीलिमा-सलिल में अमा खोल
कलिका-गुम्फित कबरी-बंधन,
लहरों पर बहती इधर-उधर
कर रही व्योम में अवगाहन।
रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन?

मुक्ता कुंतल में गूँथ, शुक्र का
पहन कुसुम-कर्णाभूषण
दिग्वधू क्षितिज पर बजा रही
मंजीर, चपल कँप रहे चरण।
रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन?

यह भुवन-प्राण-तंत्री का स्वन?
लघु तिमिर-वीचियों का कम्पन?
यह अमा-हृदय का क्या गुनगुन?
किस विरह-गीत का स्वर उन्मन?
रुनझुन रुनझुन किसका शिंजन?

रामधारी सिंह दिनकर

Author Bio

रामधारी सिंह 'दिनकर' हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। राष्ट्रवाद अथवा राष्ट्रीयता को

More

This post views is 11

Post Topics

Total Posts

403 Published Posts