Poem

सब की ईर्ष्या, द्वेष, जलन का
भाजन केवल मात्र हूँ,
फिर भी, हरि को धन्यवाद है,
मैं न दया का पात्र हूँ।

रामधारी सिंह दिनकर

Author Bio

रामधारी सिंह 'दिनकर' हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। राष्ट्रवाद अथवा राष्ट्रीयता को

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