Poem

(१)
धूप चाहते हो घर में तो हँसो-हँसाओ, मग्न रहो,
हरदम ज्ञानी बने रहे यदि तो बदली घिर जायेगी।

(२)
प्रसाधन कौन-सा है निष्कपट आनन्द से बढ़कर?
प्रफुल्लित पुष्प-सी हँसती रहो, इतना अलम है।
मसाले लेप कर क्यों गाल को पंकिल बनाती हो?

रामधारी सिंह दिनकर

Author Bio

रामधारी सिंह 'दिनकर' हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। राष्ट्रवाद अथवा राष्ट्रीयता को

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